आरोप-प्रत्यारोप की बजाय बेहतर यह होगा कि सरकार इस मुद्दे पर बातचीत की पहल करे। ज़रूरी नहीं है कि एक संवाद आयोजित होने से असहमति खत्म हो जाएगी लेकिन बातचीत का रास्ता खुला रखने से किसी भी मुद्दे के एक रचनात्मक हल की उम्मीद बंधी रहती है।
संशोधित नागरिकता कानून को लेकर उठ रही शंकाओं और इसके समर्थन के तर्क, दोनों ही सोशल मीडिया के ज़रिये दुनिया भर में फ़ैल रहे हैं लेकिन पक्ष और विपक्ष के बीच जो संवाद होना चाहिए, वह नहीं हो रहा है। देश में पुलिस और न्यायालय पहले से ही काम के दबाव में हैं। लम्बे होते विरोध प्रदर्शनों के चलते शांति भंग होने की आशंका में तैनात पुलिस, उनके अपराधियों को पकड़ने के काम को ही प्रभावित करेगी। शाहीन बाग़ में चल रहे धरने से नोएडा-कालिंदी कुंज का रास्ता महीनों से बंद है और इसका असर दूसरे रास्तों पर ट्रैफिक जाम के रूप में देखने को मिल रहा है।